रूसी क्रांति क्या है?
- सन 1917 की रूस की क्रांति विश्व इतिहास की सबसे महत्वपूर्ण घटनाओं में से एक है।
- इसके परिणामस्वरूप रूस से ज़ार के स्वेच्छाचारी शासन का अन्त हुआ तथा रूसी सोवियत संघात्मक समाजवादी गणराज्य (Russian Soviet Federative Socialist Republic) की स्थापना हुई।
यह क्रान्ति दो भागों में हुई थी - मार्च 1917 में, तथा अक्टूबर 1917 में।
- पहली क्रांति के फलस्वरूप सम्राट को पद-त्याग के लिये विवश होना पड़ा तथा एक अस्थायी सरकार बनी।
- अक्टूबर की क्रान्ति के फलस्वरूप अस्थायी सरकार को हटाकर बोलसेविक सरकार (कम्युनिस्ट सरकार) की स्थापना की गयी।
इसने केवल निरंकुश, एकतंत्री, स्वेच्छाचारी, ज़ारशाही शासन का ही अंत नहीं किया बल्कि कुलीन जमींदारों, सामंतों, पूंजीपतियों आदि की आर्थिक और सामाजिक सत्ता को समाप्त करते हुए
विश्व में मजदूर और किसानों की प्रथम सत्ता स्थापित की।
मार्क्स द्वारा प्रतिपादित वैज्ञानिक समाजवाद की विचारधारा को मूर्त रूप पहली बार रूसी क्रांति ने प्रदान किया।
इस क्रांति ने समाजवादी व्यवस्था को स्थापित कर स्वयं को इस व्यवस्था के जनक के रूप में स्थापित किया।
यह विचारधारा 1917 के पश्चात इतनी शक्तिशाली हो गई कि 1950 तक लगभग आधा विश्व इसके अंतर्गत आ चुका था।
विश्व में मजदूर और किसानों की प्रथम सत्ता स्थापित की।
मार्क्स द्वारा प्रतिपादित वैज्ञानिक समाजवाद की विचारधारा को मूर्त रूप पहली बार रूसी क्रांति ने प्रदान किया।
इस क्रांति ने समाजवादी व्यवस्था को स्थापित कर स्वयं को इस व्यवस्था के जनक के रूप में स्थापित किया।
यह विचारधारा 1917 के पश्चात इतनी शक्तिशाली हो गई कि 1950 तक लगभग आधा विश्व इसके अंतर्गत आ चुका था।
व्लादिमीर लेनिन
- व्लादिमीर इलीइच उल्यानोव, जिन्हें लेनिन के नाम से भी जाना जाता है, (22 अप्रैल 1870 – 21 जनवरी 1924) एक रूसी साम्यवादी क्रान्तिकारी, राजनीतिज्ञ तथा राजनीतिक सिद्धांतकार थे।
- लेनिन को रूस में बोल्शेविक की लड़ाई के नेता के रूप में प्रसिद्ध हुए।
- वह 1917 से 1924 तक सोवियत रूस के, और 1922 से 1924 तक सोवियत संघ के भी "हेड ऑफ़ गवर्नमेंट" रहे।
रूसी क्रांति के कारण
- सामंतशाही शासन
- राजा की निरंकुशता
- प्रथम महायुद्ध का प्रभाव
- साम्यवाद के प्रति आकर्षण
- आर्थिक दशा
- जनता में जागरूकता
- जनता को उत्साहित करने का प्रयत्न
- श्रमिकों में राजनीतिक चेतना
- लोकतंत्र का उदय
- उद्योग का विकास
- पूंजीवाद का विरोध
- जार की निरंकुशता
- जार द्वारा समिति के सुझावों की उपेक्षा
- समाजवादी सिद्धांतों का उदय
- लेनिन का उत्कर्ष
रुसी क्रांति का परिणाम
- जारशाही की समाप्ति
- अनेक राजवंशों का अंत
- प्रथम विश्व युद्ध में रूस का हटना
- समाजवादी विचारधारा का प्रचार
- उपनिवेशवाद से मुक्ति
- विश्व का दो वैचारिक गुटों में बटना
- रूस का आर्थिक औद्योगिक विकास
- आर्थिक समानता
- वर्ग भेद की समाप्ति
- किसान और मजदूरों की स्थिति में सुधार
- महिलाओं की स्थिति में परिवर्तन
The E Nub & Nub Info
By Vishwajeet Singh

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